सूर्य की ऊर्जा का स्रोत किस प्रक्रिया में निहित है?

(A) फोटोइलेक्ट्रिक उत्सर्जन
(B) नाभिकीय विखंडन
(C) नाभिकीय संलयन
(D) तापायनी उत्सर्जन

Question Asked : [SSC Tax Asst, Exam, 2006]

Answer : नाभिकीय संलयन

नाभिकीय अभिक्रियाओं को दो भागों — नाभिकीय विखंडन तथा नाभिकीय संलयन में बांटा जा सकता है। जहां नाभिकीय विखंडन अभिक्रिया में एक भारी नाभिक दो या दो से अधिक भागों में टूटता है वहीं नाभिकीय संलयन अभिक्रिया में दो छोटे नाभिक आपस में संलयित होकर एक भारी नाभिक का निर्माण करते हैं। तारों से मुक्त होने वाली ऊर्जा, उष्मा और प्रकाश का कारण नाभिकीय संलयन अभिक्रिया है। तारों में 1 से 1.5 करोड़ केल्विन तापमान पर हाइड्रोजन के परमाणु आपस में संलयित होकर हीलियम का निर्माण करते हैं।
1H2 + 1H2 = 2 He4
ड्यूटीरियम हीलियम
एक ग्राम हाइड्रोजन के जलने से 6.86 x 107 KJ ऊर्जा मुक्त होती है।
Tags : भूगोल प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Surya Ki Urja Ka Srot Kis Prakriya Mein Nihit Hai