‘नीतिशतकम्’ किस प्रकार के काव्य के अंतर्गत आता है?

(A) गद्यकाव्य
(B) प्रबंधकाव्य
(C) मुक्तकाव्य
(D) इनमें से कोई नहीं

Question Asked : [TGT Exam 2010]

Answer : मुक्तकाव्य

'नीतिशतकम्' संस्कृत साहित्य की मुक्तक काव्य के अंतर्गत आता है। अग्निपुराण में मुक्तक का लक्षण इस प्रकार दिया गया है — 'मुक्तकं श्लोक एकैकश्चमत्कारक्षमं सताम्' अर्थात् मुक्तक काव्य वह काव्य है जिसका प्रत्येक श्लोक स्वतंत्र रूप से अपना सर्वाडीण अर्थ प्रकाशन में पूर्ण समर्थ होकर सह्रदयों के ह्रदय में चमत्कार का आधायक होता है। इसमें एक पद्य का दूसरे पद्य से कोई संबंध नहीं होता। इन मुक्तकों को सूक्तियां भी कहते हैं। भर्तृहरि के तीनों शतकों में केवल प्रकरण की दृष्टि से श्रृडारिक पद्य का श्रृडारशतक में, वैराग्यविषयक पद्य वैरागयशतक में तथा नीति विषयक नीतिशतक में रखे गए हैं केवल प्रकरणगत एकता का ही इनमें परस्पर संबंध है अन्यथा इनका प्रत्येक पद्य अपने में स्वत: पूर्ण है और अकेला ही रस चर्वणा का सामर्थ्य रखता है। यह असन्दिग्ध रूप से कहा जा सकता है कि नीतिरत्न, नीतिप्रदीप, नीतिसार, चाणक्यनीति आदि नीतिविषयक जितने भी सूक्त्यात्मकक पद्य—संग्रह हैं उन सब में भर्तृहरि का 'नीतिशतकम्' सर्वश्रेष्ठ है।
Tags : संस्कृत संस्कृत प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Niti Shatakam Kis Prakar Ke Kavya Ke Antargat Aata Hai