प्रसिद्ध टीकाकार मल्लिनाथ के अनुसार मेघदूतम् मे कितने पद्य हैं?

(A) 115 पद्य
(B) 120 पद्य
(C) 121 पद्य
(D) 125 पद्य

Question Asked : [TGT Exam 2010]

Answer : 121 पद्य

कविकुलगुरु कालिदास प्रणीत 'मेघदूतम्' (पूर्वमेघ 67 श्लोक और उत्तरमेघ में 54 श्लोक निबंध हैं) में प्रसिद्ध टीकाकार मल्लिनाथ ने अपनी टीका सज्जीवनी में 121 श्लोक स्वीकार किए हैं, किन्तु 6 श्लाकों को प्रक्षिपत मानते हुए 115 श्लाक को प्रामाणिक माना है। 'मेघदूतम्' दो भागों में विभक्त हैं — पूर्वमेध और उत्तरमेघ। पूर्वमेघ में 63 श्लोक हैं और उत्तरमेघ में 52 श्लोक हैं। इस प्रकार 115 श्लोक हैं। मेघदूत में श्लोकों की संख्या के विषय में पर्याप्त मतभेद है। श्लोकों की संख्या 108 से लेकर 127 तक विभिन्न संस्करणों में है। विजयसूरि और मेघराज की टीकाओं में 127 श्लोक है। लक्ष्मी निवास, सुमतिविजय एवं मेघलता में 126 श्लोक हैं। नेमिदूत और शीलदूत की टीकाओं में 125 श्लोक हैं। सरस्वती तीर्थ में 123, चरित्रवर्धन में 122, पार्श्वाभ्युदय में 120, सिंहली व्याख्या में 118, तिब्बती अनुवाद में 117, मकरन्द मिश्र में 118, रामनाथ तर्कालंकार में 116, हरगोविंद वाचस्पाति आदि में 115, भगीरथ मिश्र में 114 श्लोक स्वीकार किए गए हैं। आधुनिक संस्करणों मे विल्सन ने 115, गिल्डमिस्टर ने 113, स्टेंत्सलर ने 112, हल्सच और एस के दे ने 111 श्लोक स्वीकार किये हैं। हर्टेल ने केवल 108 श्लोकों को ही मौलिक माना है।
Tags : संस्कृत संस्कृत प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Prasidh Tikakar Mallinath Ke Anusar Meghdoot Mein Kitne Pad Hain