शिवराज विजय काव्य का प्रारंभ होता है?

(A) सूर्योदय वर्णन से
(B) कोंकण यात्रा से
(C) रघुवीर सिंह की तोरणदुर्ग यात्रा से
(D) हनुमान मंदिर के वर्णन से

Question Asked : [TGT Exam 2011]

Answer : सूर्योदय वर्णन से

'शिवराजविजय' काव्य का प्रारंभ सूर्योदय वर्णन (प्रात:) से होता है। इस गद्यकाव्य के प्रारंभ में कहा गया है कि 'अरुण एष प्रकाश: पूर्वस्यां भगवतो मरीचिमालिन:। अर्थात् पूर्व दिशा में भगवान सूर्य का यह लाल प्रकाश है। 'अरुण' शब्द से कथा का प्रारंभ करके उसे मड्डल सूचित किया है — 'अकोरोवासुदेव:' कथा के प्रारंभ में सूर्य के प्रकाश के रूप वस्तु निर्देशात्मक मड्डलाचरण किया गया है।
Tags : संस्कृत संस्कृत प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Shivraj Vijay Kavya Ka Prarambh Hota Hai