मेघाच्छादित रात में ओस की बूंद क्यों नहीं बनतीं?

(A) भू-पृष्ठ से निर्मुक्त विकिरण को बादल अवशोषित कर लेते हैं।
(B) पृथ्वी के विकिरण को बादल आपस परावर्तित कर देते हैं।
(C) मेघाच्छादित रातों में भू-पृष्ठ का तापमान कम करता है।
(D) बादल बहती हुई पवन से भूमिगत की अग्नि विक्षेपित कर देते हैं।

Question Asked : सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2019 पेपर-1 सामान्य अध्ययन

Answer : पृथ्वी के विकिरण को बादल आपस परावर्तित कर देते हैं।

मेघाच्छादित रात में ओस की बूंदें नहीं बनती हैं, क्योंकि मेघाच्छादन के कारण पृथ्वी की विकिरण को बादलों द्वारा परावर्तित कर दिया जाता है। ओस की बूंदों का निर्माण वातावरण में उपस्थित जलवाष्प के संघनन के कारण होता है। रात्रि के समय पृथ्वी की विकिरण द्वारा पृथ्वी का वातावरण कुछ ठंडा हो जाता है। अत: रात्रि के समय जब गर्म हवा, पृथ्वी पर उपस्थित अपेक्षाकृत ठंडी सतह के संपर्क में आती है, तो उसमेंउ उपस्थित जलवाष्प के संपर्क संघनन के कारण ओस की बूंदों का निर्माण होता है, किंतु मेघाच्छादन के समय पृथ्वी का विकिरण बादलों द्वारा परावर्तित होने के कारण पृथ्वी की सतह पर उपस्थित पेड़ आदि का तापमान कम नहीं हो पाता। अत: गर्म हवा के संपर्क में आने पर भी इन पर ओस की बूंदों का निर्माण नहीं होता, क्योंकि जलवाष्प का संघनन नहीं हो पाता।
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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