(i) साइटोकाइनेसिस – इसमें केंद्र के विभाजन के बाद कोशिका द्रव्य का विभाजन होता है। दो सन्तति केंद्रकों के बनने के बाद साइटोप्लाज्मा में अन्तर्वलन बनकर गहरा होता जाता है और अंत में दो सन्तति कोशिकाएं बन जाती हैं।
(ii) कैरियोकाइनेसिस – इसमें केंद्रक का विभाजन होता है। इसमें चार अवस्था या चरण होते हैं। प्रोफेज, मेटाफेज, ऐनाफेज तथा टेलोफेज।
(iii) डाइकाइनेसिस – समजात गुणसूत्रों के जोड़े के दोनों गुणसूत्र दूर-दूर जाने लगते ही केंद्रिका तथ केद्रक कला समाप्त हो जाती है।
जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न UPSC IAS, CDS, NDA, CAPFs, SSC CGL, CHSL (10+2), रेलवे द्वारा टेक्निकल एवं नन टेक्निकल परीक्षाएं, राज्य लोकसेवा आयोग [UPPSC, BPSC, RAS (PSC), MPPSC आदि] द्वारा आयोजित तथा राज्य स्तरीय (UPSSC, BSSC, DSSSB आदि) परीक्षाएं, अर्द्धसैनिक बलों में कांस्टेबल एवं एस.आई. भर्ती परीक्षा, दिल्ली पुलिस भर्ती परीक्षा, भारतीय डाक विभाग परीक्षा, शिक्षक भर्ती परीक्षा, शिक्षक योग्यता परीक्षा आदि मं भर्ती के लिए आयेाजित होने वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे।
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