कौन माध्यामिक दर्शन का प्रतिपादक था?

(A) अश्वघोष
(B) वसुमित्र
(C) मोग्गलिपुत्त तिस्स
(D) नागार्जुन

Question Asked : [UP/UDA LDA Spl (Pre) 2006]

Answer : नागार्जुन

माध्यामिक (शून्यवाद), दर्शन के प्रवर्तंक नागार्जुन थे जिनकी प्रसिद्ध रचना 'माध्यामिक कारिका' है। इसे सापेक्षवाद भी कहा जाता है। जिसके अनुसार प्रत्येक वस्तु किसी न किसी कारण से उत्पन्न हुई और वह उस पर निर्भर है। नागार्जुन आंध्र के सातवाहन राजा यज्ञ श्री गौतमी पुत्र (166-196 ई) के मित्र एवं समकालीन थे। कनिष्क के समकालीन अश्वघोष एक प्रतिभासंपन्न कवि, नाटककार, संगीतकार, विद्यान एवं तर्कशक्ति थे। उन्होंने बुद्ध के जीवन चरित्र का वर्णन करने वाले प्रथम ग्रंथ 'बुद्धचरित' की एक महाकाव्य के रूप में रचना की। उन्होंने बुद्ध का यशगान करते हुए वीणा बजाते हुए देश के विभिन्न नगरों एवं ग्रामों की यात्रा की एवं बौद्ध धर्म का प्रचार किया। वसुमित्र - बौद्ध धर्म की वैभाषिक शाखा के प्रमुख आचार्य थे। वैभाषिकों के अनुसार प्रत्येक वस्तु का निर्माण परमाणुओं से होता हैं, जो प्रतिक्षण अपना स्थान बदलते रहते हैं। मोग्गलिपुत्त तिस्स - अशोक के काल में आयोजित तृतीय बौद्ध संगीति की अध्यक्षता इन्होंने ही की थी। इन्होंने 'कथावत्थु' नामक ग्रंथ का संकलन किया, जो अभिधम्म पिटक के अंतर्गत आता है।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
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Web Title : Kaun Madhyamik Darshan Ka Pratipadak Tha