मीमांसा के प्रणेता थे?

(A) कणाद
(B) वशिष्ठ
(C) विश्वामित्र
(D) जैमिनी

Question Asked : [Uttarakhand PCS (Pre) GS 2006]

Answer : जैमिनी

मीमांसा दर्शन के अनुसार मोक्ष या मुक्ति कर्म से ही संभव है। यह दर्शन कर्म को ही महत्व देता है, जो अपनी शक्ति (अपूर्व) से फल प्रदान करने में सक्षम है। इस दर्शन का प्रधान लक्ष्य कर्म की महत्ता को प्रतिपादित ​करना है। आत्मा का शरीर, इंद्रियों एवं बाह्रा पदार्थों से छुटकारा ही मोक्ष है। मोक्ष की अवस्था को कुछ मीमांसकों ने आनंदमय माना है। इनके अनुसार वेद शाश्वत सत्य है। मीमांसा के प्रणेता जैमिनी थे। इस दर्शन के प्रवर्तक वेद को शाखत सत्य मानते है।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
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