कौटिल्य का अर्थशास्त्र कितने अधिकरणों में विभाजित है?

(A) 16 अधिकरणों
(B) 17 अधिकरणों
(C) 18 अधिकरणों
(D) 19 अधिकरणों

Question Asked : [BPSC (Pre) 2007-18]

Answer : 19 अधिकरणों

पुराणों में कौटिल्य को 'द्विजर्षभ' (श्रेष्ठ ब्राह्मण) कहा गया है। अर्थशास्त्र में 15 अधिकरण तथा 180 प्रकरण हैं। छठें अभिकरण में राज्य के सप्तांगों — स्वाम, अमात्य, राष्ट्र, दुर्ग, सेना, कोष तथा मित्र के स्वरूप तथा कार्यों का वर्णन मिलता है। बतादें कि इस प्रकार के प्राचीन एवं मध्यकालीन भारतीय इतिहास से सं​बंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते है। जिसके उत्तरों भी कभी नहीं बदलते है। इसलिए अगर आप संघ एवं राज्य सिविल सेवा या राज्यस्तरीय किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है, तो इन्हें अच्छी तरह से याद कर लें। ताकि गलती की कोई संभावना न रहें।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Kautilya Ka Arthashastra Kitne Adhikarno Mein Vibhajit Hai