अर्थशास्त्र के अनुसार सीता भूमि का अभिप्राय है?

(A) न जोती जाने वाली अनुपयोगी भूमि
(B) ब्राह्मणों के स्वामित्व वाली भूमि
(C) जनजातियों द्वारा जोती जाने वाली भूमि
(D) वनीय भूमि

Question Asked : [RAS/RTS (Pre) GS 2009]

Answer : जनजातियों द्वारा जोती जाने वाली भूमि

मौर्य साम्राज्य में दो प्रकार की भूमि थी एक तो वह जो राज्य के प्रत्यक्ष अधिकार में थी, दूसरी वह जो किसानों के पास थी। राज्य को अपनी प्रत्यक्ष भूमि से जो आय होती थी उसे सीता आय या सीता भूमि कहते थे। वस्तुत: राजकीय भूमि पर दासों, कर्मकारों, शूद्रों (जनजातियों) और कैदियों द्वारा कृषि कार्य संपन्न किया जाता था। मौर्यकाल में कृषि विभा की देख-रेख 'सीताध्यक्ष' करता था।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
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Web Title : Arthashastra Ke Anusaar Sita Bhoomi Ka Abhipraay Hai