बौद्ध धर्म में त्रिरत्न का क्या अभिप्राय है?

(A) त्रिपिटक
(B) बुद्ध, धम्म, संघ
(C) शील, समाधि, संघ
(D) सत्य, अहिंसा, करुणा

Question Asked : [UP RO/ARO (Pre) 2017]

Answer : बुद्ध, धम्म, संघ

त्रिरत्न (तीन रत्न) बौद्ध धर्म के सबसे महत्वपूर्ण अंग है। इन त्रिरत्नों पर ही बौद्ध धर्म आधारित है। त्रिरत्न — बुद्ध, धम्म, संघ बुद्ध — बुद्ध का अर्थ है जागृत एवं अनंत ज्ञानी मनुष्य, जिसने खुद के प्रयासों से बुद्धत्व प्राप्त किया। बुद्ध शाक्यमुनि तथागत गौतम बुद्ध है। धम्म — बुद्ध की शिक्षाओं को थम्म कहते हैं। संपूर्ण बौद्ध धर्म 'थम्म' पर आधारित है। संघ—बौद्ध धर्म में बौद्ध भिक्षुओं और उपासकों के संघटन को संघ कहते हैं। धम्म प्रचार के लिए संघ का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
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Web Title : Bauddh Dharm Mein Triratna Ka Kya Abhipray Hai