नील विद्रोह का नेता कौन है?

(A) हरिश्चंद्र मुखर्जी
(B) दीनबंधु मित्र
(C) दिगम्बर विश्वास और विष्णु विश्वास
(D) बिरसा मुंडा

Answer : दिगम्बर विश्वास और विष्णु विश्वास

नील विद्रोह के नेता दिगम्बर विश्वास और विष्णु विश्वास थे। नील आंदोलनों की शुरुआत सितंबर 1859 में बंगाल के नदिया जिले में स्थित गोविन्दपुर गांव से हुई थी। इनके नेतृत्व में वहां के किसानों ने एकजुट होकर नील की खेती बंद कर दी। जिसके फलस्वरूप 30 मार्च, 1860 को नील आयोग की नियुक्ति की गई, जिसके सुझाव पर यह अधिसूचना जारी की गई कि किसी भी रैयत को नील की खेती के लिए विवश नहीं किया जाएगा और सारे विवादों का निपटारा कानूनी ढंग से ही होगा। नील विद्रोह (1859-1860 ई.) अंग्रेजों के शोषण के विरुद्ध किसानों की सीधी लड़ाई थी। बंगाल के किसान अपनी उपजाऊ भूमि पर चावल उगाना चाहते थे, जिसकी उन्हें अच्छी कीमत मिलती थीं, किंतु यूरोपीय नील उत्पादक (बगान मालिक) उन्हें नील की अलाभकारी खेती के लिए बाध्य करते थे। ददनी प्रथा के अंतर्गत किसानों को मामली अग्रिम रकम देकर करारनामा लिया जाता था, जो बाजार भाव से काफी कम होता था। अदालतें भी यूरोपीय नील उत्पादकों का ही पक्ष लेती थी।
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Web Title : Neel Vidroh Ka Neta Kaun Hai