उल्का (Meteoroid) क्या होते है?

(A) तीव्र गति से चलता तारा
(B) बाह्रा अंतरिक्ष से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवष्टि हुए द्रव्य का अंश
(C) तारामंडल का भाग
(D) पुच्छहीन धूमकेतु

Question Asked : Allahabad High Court Recruitment Assistant Review Officer Exam 2019

Answer : बाह्रा अंतरिक्ष से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवष्टि हुए द्रव्य का अंश

उल्का (Meteoroid) एक ठोस आकाशीय पिंड होता है, जो वायुमंडलीय में प्रवेश करते ही घर्षण के कारण जल उठता है तथा चमकीले प्रकाश उत्पन्न करता हैं। ये टूटते हुए तारे की भांति प्रतीत होते हैं। यह उल्कापात के रूप में पृथ्वी पर गिरते हैं। जिसमें लोहा तथा निकेल के अंश की प्रधानता होती हैं। उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तक पहुँचता है उसे उल्कापिंड (meteorite) कहते हैं। प्रायः प्रत्येक रात्रि को उल्काएँ अनगिनत संख्या में देखी जा सकती हैं, किंतु इनमें से पृथ्वी पर गिरनेवाले पिंडों की संख्या अत्यंत अल्प होती है। वैज्ञानिक दृष्टि से इनका महत्व बहुत अधिक है क्योंकि एक तो ये अति दुर्लभ होते हैं, दूसरे आकाश में विचरते हुए विभिन्न ग्रहों इत्यादि के संगठन और संरचना (स्ट्रक्चर) के ज्ञान के प्रत्यक्ष स्रोत केवल ये ही पिंड हैं।
Tags : भूगोल प्रश्नोत्तरी
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