समुद्र में ज्वार भाटा आने का क्या कारण है?

(A) सूर्य के प्रभाव से
(B) पृथ्वी की घूर्णन गति से
(C) सूर्य की चन्द्रमा के संयुक्त प्रभाव से
(D) गुरुत्वाकर्षण, अभिकेन्द्रीय बल तथा अपकेन्द्रीय बल से

Question Asked : UPPSC 1991

Answer : सूर्य की चन्द्रमा के संयुक्त प्रभाव से

चन्द्रमा एवं सूर्य की आक​र्षण शक्ति के कारण सागरीय जल के नियमित रूप से ऊपर उठने तथा नीचे गिरने को ज्वार—भाटा कहा जाता है। चन्द्रमा, सूर्य की ज्वारोत्पादक शक्ति में 11 : 5 का अनुपात पाया जाता है अर्थात् चन्द्रमा की ज्वारोत्पादक शक्ति सूर्य की तुलना में 2.17 गुनी अधिक है। चन्द्रमा सूर्य से आकार में छोटा होने के बावजूद अधिक निकट होने के कारण सूर्य की तुलना में अधिक आकर्षण बल पृथ्वी पर डालता है। एक दिन में प्रत्येक स्थान पर दो बार ज्वार एवं दो बार भाटा पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण आता है। पृथ्वी को अपनी धुरी पर चक्कर लगाने में 24 घ.टे का समय लगता है, अत: प्रत्येक स्थान पर ज्वार का अंतराल 12 घंटे होना चाहिए परन्तु यह 12 घ.टे 26 मिनट का होता है। इसका कारण पृथ्वी का घूर्णन एवं चन्द्रमा का परिक्रमण है। स्पष्ट है कि किसी पर ज्वार एवं भाटे के बीच का अंतराल 6 घंटे 13 मिनट होता है।
Tags : भूगोल प्रश्नोत्तरी
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Samandar Me Jwar Bhata Aane Ka Kya Karan Hai