73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1993 – संविधान के अनुच्छेद 40 में सुरक्षित किए गए राज्यों की नीति निर्देशक सिद्धांतों में से एक में यह कहा गया है कि राज्यों को ग्राम पंचायतों का गठन करने और उन्हें वे सभी अधिकार प्रदान करने के लिए कदम उठाने चाहिए, जो उन्हें एक स्वायत्तशासी सरकार की इकाइयों के रूप में काम करने के लिए आवश्यक हैं।
ऊपर दिए गए प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए संविधान में पंचायत से संबंधित एक नया पैरा-9 जोड़ा गया है। इसका उद्देश्य अन्य चीजों के अलावा, एक गांव में अथवा गांवों के समूह में ग्रामसभा स्थापित करना, गांव के स्तर पर तथा अन्य स्तरों पर पंचायतों का गठन करना, गांव और उसके बीच के स्तर पर पंचायतों की सभी सीटों के लिए सीधे चुनाव करना, ऐसे स्तरों पर पंचायतों के यदि सरपंच हैं तो उनका चुनाव कराना, पंचायतों में सदस्यता के लिए और सभी स्तरों पर पंचायत के पदाधिकारियों के चुनाव के लिए जनसंख्या के आधार पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों का आरक्षण, महिलाओं के लिए कम-से-कम एक-तिहाई सीटों का आरक्षण, पंचायतों के लिए पांच साल की कार्यावधि तय करना और यदि कोई पंचायत भंग हो जाती है तो छह महीने के भीतर उसका चुनाव करने की व्यवस्था करना है।
The Constitution (Seventy-third Amendment) Act, 1993 – Article 40 of the Constitution which enshrines one of the Directive Principles of State Policy lays down that the State shall take steps to organise village panchayats and endow them with such powers and authority as may be necessary to enable them to function as units of self-government. In the light of the above, a new Part IX relating to the Panchayats has been inserted in the Constitution to provide for among other things, Gram Sabha in a village or group of villages; constitution of Panchayats at village and other level or levels; direct elections to all seats in Panchayats at the village and intermediate level, if any and to the offices of Chairpersons of Panchayats at such levels; reservation of seats for the Scheduled Castes and Scheduled Tribes in proportion to their population for membership of Panchayats and office of Chairpersons in Panchayats at each level; reservation of not less than one-third of the seats for women; fixing tenure of five years for Panchayats and holding elections within a period of six months in the event of supersession of any Panchayat.