Explanation : 1831 में बुद्धू भगत के नेतृत्व में कोल विद्रोह सिंहभूम क्षेत्र में हुआ। बुद्ध भगत का जन्म राँची जिले के चान्हों प्रखंड के अंतर्गत कोयल नदी के तट पर स्थित सिंलगाई गाँव में 17 फरवरी, 1792 को उरांव परिवार में हुआ था। बुद्ध भगत ही झारखंड के प्रथम क्रांतिकारी थे, जिन्हें जिंदा या मुरदा पकड़ने के लिए ब्रिटिश सरकार ने 1000 रुपए इनाम की घोषणा की थी। सन् 1831 में अपनी जमीन छिन जाने, न्याय न मिलने और जमींदारों के घोर उत्पीड़न से उपजे असंतोष ने 'कोल विद्रोह' को जन्म दिया। बुद्ध भगत ने अपने साथियों और 700 कोल लोगों के साथ सिंहभूम, राँची, हजारीबाग, टोरी तथा मानभूम में अत्याचारियों के विरुद्ध ऐसा भीषण प्रदर्शन किया कि लगभग 1,000 लोग मारे गए इस महान् आंदोलन का यह नायक जब अंग्रेजों की विशाल सेना से घिर गया तो इसने बेटे, भतीजे और अन्य 150 साथियों के साथ 14 फरवरी, 1832 को वीरगति प्राप्त की।....अगला सवाल पढ़े
Explanation : बिरसा मुंडा का पूरा नाम बिरसा पुर्ती (मुंडा) है। इनके बचपन का नाम दाऊद मुंडा था। बिरसा मुंडा के माता का नाम करमी हटू और पिता का नाम सुगना मुंडा था। बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को हुआ, वे छोटा नागपुर पठार की मुंडा जनजाति से ...Read More
Explanation : देश का पहला पूर्ण सौर ऊर्जा संचालित जिला न्यायालय खूंटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर, 2015 को झारखंड के खूंटी जिला न्यायालय में पूर्ण और सौर ऊर्जा संचालन का उदघाटन किया गया था। यह भारत ही नहीं बल्कि एशिया का भी ...Read More
Explanation : झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) है। वह झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन के पुत्र हैं। हेमंत सोरेन पहली बार 13 जुलाई, 2013 से 23 सितंबर, 2014 तक राज्य के नौवें मुख्यमंत्री रहे। इनका जन्म 10 अगस ...Read More
Explanation : कोरवा जनजाति में विधवा पुनर्विवाह को 'मैयारी' कहते हैं। कोरवा आदिवासी मुंडा प्रजाति समूह से सम्बन्ध रखते हैं। यह जनजाति मुख्यतः झारखंड तथा छत्तीसगढ़ में पाई जाती है। छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति जशपुर, सरगुजा, बलरामपुर, तथा को ...Read More
Explanation : 'घुमकुड़िया' का तात्पर्य युवागृह है। यह उरांव जनजाति की परम्परा में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उरांव जनजाति की भाषा कुडख (कोरख) मानी जाती है। घुमकुड़िया पुरखों (बुजुर्गों) के अनुभवों तथा ज्ञान को नई पीढ़ी को हस्तान्तरित करने का मा ...Read More
Explanation : माघे पर्व से पहाड़ी खड़िया की आर्थिक स्थिति उजागर होती है। माघे पर्व को झंडा पर्व भी कहा जाता है। यह पर्व मुंडा जनजाति द्वारा रांची जिले के कई प्रखंडों में मनाया जाता है। इस पर्व के अवसर पर जतरा निकाला जाता है। इस पर्व के लिए यह ...Read More
Explanation : पालकोट की गुफाएं गुमला में स्थित है। यहां आदिवासियों की आबादी अधिक है। गोबरसिली पालकोट में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह राजा बाली और सुग्रीव की राजधानी थी। इसके अलावा पालकोट अभयारण्य रांची से लगभग 120 किलोमीटर दूरी पर है। ...Read More
Explanation : झारखंड में मलूटी को मंदिरों का नगर के रूप में जाना जाता है। मलूटी पश्चिम बंगाल की सीमा पर बसा दुमका जिले का एक गांव है। जिसमें 108 मंदिर हैं। इसे भारत सरकार ने विशिष्ट धर्मस्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इस मंदिर क ...Read More
Explanation : झारखंड का उच्च न्यायालय देश का 21वां न्यायालय है। झारखंड के पहले मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता थे। इनका कार्यकाल 5 दिसंबर, 2000 से 7 मार्च, 2003 तक रहा था। झारखंड राज्य का गठन स्वतंत्र भारत के 28वें राज्य के रूप में 15 नवंबर ...Read More
Explanation : झारखंड उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता थे। इनका कार्यकाल 5 दिसंबर, 2000 से 7 मार्च, 2003 तक रहा था। झारखंड उच्च न्यायालय वर्ष 2000 में बिहार पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के अधीन स्थापित किया गया। यह रांची में स ...Read More
Web Title : 1831 Mein Buddha Bhagat Ke Netrutva Mein Kon Vidroh Kis Kshetra Mein Hua